मित्रो नमस्कार,
साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग की वेबसाइट में आपका हार्दिक स्वागत, अभिनंदन। इस अकादमी की स्थापना सन् 1954 में हुई। उस समय इसका मुख्यालय नागपुर था। बाद में मध्यप्रदेश की स्थापना के बाद इसका मुख्यालय भोपाल बना। साहित्य अकादमी अपने प्रारंभिक काल से मध्यप्रदेश के ही नहीं तो देश के ख्यातिलब्ध साहित्यकारों के कृतित्व एवं व्यक्तित्व का परिचय समाज के सामने लाने को प्रयत्नरत है। प्रारंभिक काल में अकादमी जहाँ कुछ ख्यातिलब्ध साहित्यकारों जैसे- मैथिलीशरण गुप्त, सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला, माखनलाल चतुर्वेदी आदि कवियों की जन्म जयंती मनाती रही है, वहीं समय के साथ अनेक कार्यक्रमों को दिशा देने का प्रयत्न किया है। जैसे-जैसे अकादमी आगे बढ़ी उसका चौमुखी विस्तार हुआ है।
राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के भवानी प्रसाद मिश्र, श्रीकृष्ण सरल, सुभद्राकुमारी चौहान, बालकृष्ण शर्मा नवीन जैसे राष्ट्रीय आंदोलन के कवियों को स्मरण करते हैं, वहीं नरेश मेहता मुक्तिबोध, भूषण, शरद जोशी, प्रभाकर श्रोत्रिय, हरिशंकर परसाई की भी जन्म जयंती मनाते हैं।
इसके अतिरिक्त भारतीय चेतना को जन-मानस में प्रतिष्ठित करने वाले स्वामी विवेकानंद की वैचारिक चेतना को प्रबुद्धजनों / साहित्यकारों / महाविद्यालयीन / विश्वविद्यालयीन विद्यार्थियों एवं युवाओं के बीच में ले जाने का कार्य साहित्य अकादमी करती है।
इनके अतिरिक्त प्रदेश के अनुसूचित-जाति, अनुसूचित जन-जाति, प्रदेश के युवा रचनाकार एवं पाठकमंच के संयाजकों की प्रतिवर्ष सृजनात्मक कार्यशालाएँ लगायी जाती हैं।
साहित्य अकादमी द्वारा हिन्दी ही नहीं भारतीय साहित्य के साथ वैश्विक परिदृश्य पर साहित्य की भूमिका और स्थिति को लेकर अंतर्राष्ट्रीय आयोजन आयोजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रदेश की विभिन्न संस्थाओं के साथ-साथ अन्य प्रदेशों की अकादमियों के साथ मिलकर राष्ट्रीय विषयों पर कार्यक्रमों का संयोजन किया जाता है। संस्कृति विभाग अंतर्गत होने वाले राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक और वैचारिक कार्यक्रमों में अकादमी अपनी वैचारिक भूमिका निभाती है।
साहित्य अकादमी प्रदेश के अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लेखकों तथा अनारक्षित वर्ग के युवा साहित्यकारों की प्रथम कृति को प्रकाशनार्थ अनुदान प्रदत्त करती है।
साहित्य अकादमी की अपनी पुरस्कार योजना है। जिसके अंतर्गत दो प्रकार के पुरस्कार दिये जाते हैं। प्रथम वे पुरस्कार हैं, जो मध्यप्रदेश की छह बोलियों- बुंदेली, बघेली, मालवी, निमाड़ी, भीली और गोंडी के साहित्य पर रचित ऐसे रचनाकारों की कृतियों एवं उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व और रचनाकर्म को मिलाकर (चाहे किसी भी विधा की) जो विशुद्ध रूप से केवल बोलियों पर साहित्य रच रहे हैं ऐसे सर्जकों को रुपये इक्यावन हजार के पुरस्कार के साथ अलंकृत किया जाता है। दूसरे वे पुरस्कार, जो हिन्दी साहित्य की विविध विधाओं पर प्रदत्त किये जाते हैं। यह पुरस्कार दो प्रकार के हैं, एक- अखिल भारतीय पुरस्कार, जिसमें रुपये एक लाख की राशि के तथा दूसरा- प्रादेशिक पुरस्कार जिसमें रुपये इक्यावन हजार की राशि के साथ रचनाकार की कृतियों को पुरस्कृत एवं रचनाकार को अलंकृत किया जाता है। जिनका विवरण इसी वेवसाईट पर देखा जा सकता है।
साहित्य अकादमी का अपना प्रकाशन प्रभाग भी है, जिसके अंतर्गत कालजयी रचनाओं का पुनर्प्रकाशन तथा अप्रकाशित रचनाकारों की रचनाओं को प्रकाशन किया जाता है। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के उद्बोधनों को भी पुस्तकों का रूप दिया जाता है।
साहित्य अकादमी संस्कृति विभाग की योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश के साथ-साथ देश के कवियों का कवि सम्मेलन भी सहयोगी के रूप में संपन्न कराती है।
साहित्य अकादमी की अपनी पत्रिका, जो देश की विशिष्ट पत्रिकाओं में मानी जाती है- ‘साक्षात्कार’ का प्रतिमाह प्रकाशन किया जाता है। जहाँ स्थापित रचनाकारों के वैचारिक आलेखों को पाठक के सामने रखती है, वहीं विशिष्ट साहित्यकारों के साक्षात्कार भी प्रकाशित किये जाते हैं। धरोहर के रूप में भारतीय चिंतन परम्परा को सामने लाने का प्रयत्न किया जाता है। कहानी, कविता, गज़ल, पुस्तक समीक्षा तथा अन्य भाषाओं के साहित्य का अनुवाद प्रत्येक अंक में प्रकाशित किया जाता है।
साहित्य अकादमी की एक विशिष्ट योजना ‘पाठकमंच’ जो प्रदेश के जिला केन्द्रों एवं कुछ तहसील केंद्रों पर संचालित होते हैं। इस योजना अंतर्गत शासन द्वारा अधिकृत समिति की अनुशंसा पर प्रदेश और देश के साहित्यकारों की गंभीर कृतियों को क्रय कर पाठकमंचों को प्रेषित की जाती हैं। जिन्हें पाठक मंचों के समिति द्वारा पढक़र साक्षात्कार में छपने के लिये भेजी जाती है।
साहित्य को लेकर युवा लेखकों में जो रुचि उत्पन्न हो रही है, अकादमी उसे बढ़ाने में अपना सहयोग भी प्रदान करने में प्रयासरत है। युवाओं के कृतियों को समाज के समक्ष पहुँचाने का कार्य कर रही है तथा युवा कवियों के मध्य कवि समारोह का भी आयोजन किया जाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस वेबसाईट में अकादमी के सभी कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध है।