म.प्र साहित्य अकादमी द्व्रारा एक योजना ( “प्रथम कृति अनुदान योजना” ) शुरू की गई है , जिसके अंर्तगत वर्ष 2018 एवं 2019 के लिए प्रदेश के लेखको से पाण्डुलिपि की एक प्रति आमंत्रित है, पर इसके कुछ महत्वपूर्ण नियम है जिन्हें आपको ध्यान से पढ़ना है.
नियम और प्रक्रिया इस प्रकार है..
- नियमानुसार पाण्डुलिपि चुनने के बाद आपको साहित्य अकादमी द्वारा 20 हजार रुपये सहायता राशी के रूप में दिया जाएगा।
- पांडुलिपियाँ प्राप्त करने की अंतिम तिथि 20 मार्च 2021 है, यानि निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त पांडुलिपियों पर विचार नहीं किया जाएगा।
- इस योजना हेतु जो लेखक पहले पाण्डुलिपि प्रस्तुत कर चुके हैं, उन्हें पुनः प्रस्तुत नहीं करना है.
सूचना :
साहित्य अकादमी की बहुप्रतीक्षित योजना “प्रथम कृति अनुदान योजना” की विज्ञप्ति।
ऐसे बंधु भगिनी जिनकी अब तक कोई पुस्तक प्रकाशित नहीं हुई है केवल वही इस योजना के अंतर्गत नियत समय सीमा में पांडुलिपि भेजिए। उम्र का कोई बंधन नहीं है। जो रचनाकार पूर्व में पांडुलिपि भेज चुके हैं उन्हें पुनः भेजने की आवश्यकता नहीं है।
aap ab bhejiye . varsh 2020 aur 21 ki vigyapti nikalane wali hai.